बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) में पीएचडी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए शारीरिक शिक्षा विषय के बाद अन्य छात्र-छात्राओं ने भी वेटिंग लिस्ट को लेकर सवाल खड़े किए हैं। इसको लेकर पहले शारीरिक शिक्षा विषय का एक उम्मीदवार पानी की टंकी पर चढ़ चुका है। अब हिंदी साहित्य विषय के अलावा अन्य विषयों के उम्मीदवारों ने विवि में आवेदन कर सवाल किया है कि क्या हम भी टंक पर चढ़ जाएं, ताकि उनके विषय में शारीरिक शिक्षा विषय की तरह बीयू कार्रवाई करे।
उम्मीदवारों का कहना है कि पीएचडी 2019 के लिए आयोजित आरएसी के परिणामों में हुई गड़बड़ी को लेकर विवाद हुआ। इसे विवि ने यह आश्वासन देकर शांत करा दिया कि जांच कराई जा रही है, लेकिन जांच रिपोर्ट का अभी तक कुछ पता नहीं है। अब उनका आरोप कि एक छात्र ने विवि में पानी की टंकी पर चढ़कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके बाद रजिस्ट्रार डॉ. बी. भारती ने एक अधिसूचना जारी कर िसर्फ इसी विषय में खाली सीट होने पर गुणानुक्रम सूची के आधार पर योग्य उम्मीदवारों को सूचीबद्ध करने को कहा है। उम्मीदवारों ने बताया कि 20 जनवरी से काेर्स वर्क शुरू हो गया है। अधिकतर विषयों में सीटें खाली हैं, जिन पर एडमिशन नहीं दिया गया।
मामले में बीयू रजिस्ट्रार डॉ. बी.भारती का कहना है कि प्रो. केबी पंडा की अध्यक्षता में बनी कमेटी द्वारा जांच की गई है। कमेटी ने जो अनुशंसाएं की हैं, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
महिला उम्मीदवार ने राजभवन पहुंचाई शिकायत...
पीएचडी में एडमिशन प्रक्रिया को लेकर शुरुआत से ही सवाल खड़े किए जा रहे हैं। आरएसी की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। समाजशास्त्र की एक महिला उम्मीदवार एकता साहू ने राजभवन में शिकायत भेजी है। उनका आरोप है कि 21 अगस्त 2019 को पीएचडी प्रवेश परीक्षा हुई। इसमें समाजशास्त्र विषय से परीक्षा उत्तीर्ण की और आरएसी के समक्ष साक्षात्कार भी दिया। सीट खाली होने के बाद भी केवल 19 लोगों को ही सीटें आवंटित की गईं, जबकि 40 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। करीब 41 सीटें खाली हैं। इसके बाद भी विवि प्रशासन द्वारा कोई संतोषजनक जानकारी नहीं दी जा रही है।