नगर निगम ने यदि आर्च ब्रिज की एप्रोच रोड के मामले में नगर पालिक निगम अधिनियम की धारा 305 का उपयोग किया होता तो आर्च ब्रिज रोड में बाधक तीनों मकान का मामला सुलझ सकता था। यह धारा निगम को यह अधिकार देती है कि वह व्यापक जनहित में किसी भी व्यक्ति की निजी संपत्ति का अधिग्रहण कर सकता है। नोटिस देने के साथ ही अधिग्रहण हो जाता है और मुआवजा बाद में तय होता है।
बीआरटीएस के लिए निजी जमीन के अधिग्रहण में निगम ने इसका उपयोग किया था। आर्च ब्रिज का निर्माण शुरू होने के साथ ही एप्रोच रोड के लिए तीन मकानों की शिफ्टिंग का मामला सामने आ गया था। स्थानीय पार्षद शबिस्ता जकी ने इन मकानों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया था। इस बीच निगम की इंजीनियरिंग शाखा ने बिल्डिंग परमिशन को धारा 305 का नोटिस जारी करने को लिखा था, लेकिन यह नोटिस जारी नहीं हुआ। महापौर का कहना है कि एमआईसी ने भी इस संबंध में संकल्प पारित किया, लेकिन इसका भी पालन नहीं हुआ।
इधर, शबिस्ता ने महापौर बंगले पर किया प्रदर्शन
दोपहर बाद पार्षद शबिस्ता जकी ने महापौर आलोक शर्मा के 74 बंगला स्थित सरकारी निवास के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि महापौर जनता को गुमराह कर रहे हैं। स्मार्ट रोड और आर्च ब्रिज को लेकर झूठे आरोप लगा रहे हैं।
आसिफ जकी ने महापौर को कहे अपशब्द
महापौर के बंगले पर प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेता आसिफ जकी मर्यादा भूल गए। उन्होंने मीडिया से बातचीत में महापौर को न केवल अपशब्द कहे बल्कि धमकी दी कि वे उनका शहर में निकलना बंद करा देंगे। दरअसल, महापौर ने जकी पर आर्च ब्रिज की एप्रोच रोड के पास अतिक्रमण करके व्यायामशाला बनाने का आरोप लगाया था। मीडिया ने आसिफ से इस बारे में सवाल पूछा तो वे भड़क गए।
महापौर ने स्मार्ट रोड पर दिया धरना
डिपो से पॉलिटेक्निक चौराहा तक 2.7 किमी लंबी स्मार्ट रोड का निर्माण अब भी पूरा नहीं होने पर महापौर आलोक शर्मा ने शनिवार को डिपो चौराहा पर धरना दिया। इसी स्थान पर 25 दिसंबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने वर्ल्ड क्लास सुविधा वाली इस सड़क के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया था। महापौर शर्मा ने आरोप लगाया कि स्थानीय पार्षद शबिस्ता जकी ने ट्रांजिट हाउस में जगह देने के बावजूद लोगों को मकान खाली नहीं करने को कह दिया। इस वजह से सड़क का निर्माण रुका हुआ है। परिषद अध्यक्ष सुरजीत सिंह चौहान ने कहा कि विकास में रोड़ा अटकाने को लेकर अफसरों के खिलाफ परिषद बैठक में निंदा प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए।